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Showing posts from June, 2022

आधी रात का किस्सा गो – शेखर मल्लिक

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  आधी रात का किस्सा गो शेखर मल्लिक का नवीनतम कहानी संग्रह पुस्तक खरीदने के लिये यहां क्लिक करें शेखर मल्लिक की अन्य पुस्तक के लिये “पता नहीं!” जितेन हँस पड़े, “उसने सीधे-सीधे कभी बताया नहीं... जबकि वो इतना स्ट्रेट लड़की थी। उससे ज्यादा तो ये दल के साथी हँसते-हँसते आगाह करते थे, अबे जितेन, मर जाओगे। डायन है वह, इंग्लिश डायन! तुम्हारा दिल निकाल के मैड्रिड भाग जायेगी और तुम इधर मर जाओगे!” अनु का घर आ गया। बेटे को गोद में लिये उतर आयी। जितेन भी कार से बाहर आये, “बिना खाना खाये तुम्हारा बेटा सो गया।” “हाँ अब तो उठाने पर भी नहीं उठेगा।”  अनु ने उनके वापस बैठने से पहले पूछ लिया, “वह अचानक चली गयीं! कब चली गयीं और कैसे गयीं?”  “कहाँ गयी! वो नहीं गयी। यहीं इंडिया में रह गयी।” जितेन कार का दरवाजा पकड़े हुए उसकी ओर मुड़े। “यहीं है!” अनु के चेहरे पर आश्‍चर्य का रोमांच उभर आया।  “हाँ, यहीं है।” “कहाँ?” “मालूम नहीं। कोई कह रहा था कि यहीं कहीं ‘माता जी’ बनके रह गयी है। यहीं किसी आदिवासी गाँव में...” “वे यहाँ से जा न सकीं! शायद आप से सचमुच उनको प्यार था... वे ये जमीन नहीं छोड़ सकीं। चलिये न काका एक दिन उनक

विश्व सिनेमा में स्त्री – विजय शर्मा

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विजय शर्मा की पुस्तक  विश्व सिनेमा में स्त्री विजय शर्मा की अन्य पस्तकें खरीदने के लिय फिल्मों में हमें तरह-तरह की माँ के दर्शन होते हैं। इनमें से कुछ स्त्रियाँ सास भी हैं। 'परमा’ की सास घर की सर्वेसर्वा है, शुरू में वह बहु को फोटोशूट्स की इजाजत दे देती है। मगर जब बहु की स्वायत्ता देखती है तो सहन नहीं कर पाती है और परम्परागत सास की भूमिका में आ जाती है। सास तो 'पाच्र्ड’ में भी है मगर वह अपनी परम्परागत सास की भूमिका का अतिक्रमण करती है बहु को अपने हाथों स्वतन्त्र कर देती है और सामने वाले को यह भी जता देती है कि वह इस स्त्री के साथ बुरा बरताव न करे वरना वह उसे छोड़ेगी नहीं। 'बागवान’ की सास बहुओं के प्रति कोई विशेष भूमिका अदा नहीं करती है। 'द जापानीज वाइफ’ की सास इनसे अलग है। उसकी बहु भी उससे हजारों मील दूर है। शुरू में उसे यह पूरा सम्बन्ध विचित्र लगता है लेकिन अन्तत: वह इसे स्वीकारती है। बहु उसके लिए दूर देश से बुन कर स्वेटर भेजती है तो वह विगलित हो उठती है। मौसी स्नेहमय तथा मियागी के रिश्ते को स्वीकार कर अपनी प्रगतिशीलता का, अपने नारी सुलभ कोमल हृदय का परिचय देती है। संग